रामकिसुन यादव
कविलासी ५ सिरहा
मधेश मे रहै वला हम सब मधेशी जाती
छलनी भेल छै हमर चौडा छाती
सब दिन परैछै अन्याय के लाठी
तैयो कियाक चुप छी यौ मधेशी
खोइरिया जंगल हमरे सव तोरलियै
बदलामे फेर हम सब शोषित भेलियै
सामना करलियै २००७ साल के क्रान्ति
त अखन कियाक चुप छी यौ मधेशीवासी
देश के खातिर जान देने छियै
फिर भी शहिद मे नाम नै अवै छै
हमरे लहु स भिजल छै देशक माटी
तैयो कियाक चुप छी यौ मधेशीवासी
आश्वासन दक भुल्या रहल अैछ
हतियार बनाक चल्या रहल अैछ
मौन बनौलक नेता और पाटी
तैयो कियाक चुप छी यौ मधेशीवासी
मधेश मे रहै मधेशी के हस्ती
आई वहैछै वकरे अस्ती
पंगु वनाक घुमैय शिरा और भाठी
तैयो कियाक चुपछी यौ मधेशीवासी
भाई भैयारी मे करौलक फुट
एक जुट मधेशके करौलक ब्रह्मलुट
३० बर्षक हटौ लियै अन्हरीया राईत
त अखन कियाक चुप छी यौ मधेशी जाइत
दोष मत दियौ अपना करमके
पालन करैत जाउ अपना पुरुषार्थ धर्मके
छोइर दियौं सहारा बैशाखी और वाटी
कोन चिजमे कम छी हम सव मधेशीवासी